Monthly Archive: September 2017

dhan ka dansh 0

धन का दंश

कितना है श्रृंगार जनम मेंउदगार फिर क्यूँ है मन में, धन लालायित मनुष्यता काअंतिम जब आधार मरण में, दिशा विहीन मनुष्यता जबपशुता संग ही ओझल हो गयी, सिक्को की झंकार न जानेउन्नति का अभिशाप...